सफलता हमारी सोच पर निर्भर करती है - मान लो तो हार होगी और ठान लोगे तो जीत होगी

हार से सीखता है इन्सान

सबसे बड़ी ताकत दुनिया में व्यक्ति के अंदर होती है जो अपने आप से हार गया वह दुनिया से हार जाता है व्यक्ति को कभी अपने आप से नहीं हारना  चाहिए यही दुनिया का सच है और जो पर्सन छोटी -छोटी प्रोब्लेम्स के बाद भी सोचता है की नहीं बाद में कर लूंगा तो ऐसे पर्सन का कोई लक्ष्य नहीं होता .

  तभी तो बुजुर्गों की कहाबत है की जिस ब्यक्ति का कोई लक्ष्य नहीं होता है बो आज भी और कल भी बहीं रहेगा लाइफ मैं कभी सक्सेस नहीं हो सकता .




हार को गरिमा से स्वीकार करना इन्सान की पहचान है । पराजित व्यक्ति आत्म विश्लेष्ण सूक्ष्मता से करता है । विजय से अधिक पराजय सिखाती है । हार मनुष्यता की ओर ले जाती है । कल तक जिसे महत्वहीन समझते थे , आज उसका औचित्य भी समझ आने लगता हैं । वह पराजीत होकर शर्मिन्दगी का अनुभव नहीं करता हैं, बल्कि सीखता हैं । हार से एक नया नजरिया विकसित होता है ।

दोस्तों हमारे ब्लॉग में आपका स्वागत है मैं संजय कुमार अपने ब्लॉक पवार सॉल्यूशन में आपका स्वागत करता हूं हमारे इस ब्लॉग पर आपको मोटिवेशनल आर्टिकल मिलते रहेंगे आप हमारे पवार सॉल्यूशन ब्लॉक को सब्सक्राइब करें और लेटेस्ट अपडेट के लिए आप हमारे चैनल पर विजिट करते रहें टेक्निकल से रिलेटेड एजुकेशन से रिलेटेड बहुत सारे आर्टिकल आपको यहां से प्राप्त होते रहेंगे थैंक यू फॉर एवरीवन

दोस्तों आज मैं कुछ सक्सेस और अनसक्सेस कहानियों के बारे में बात करने वाला हूं कुछ लोग कहते हैं कि मेरे पास यह साधन नहीं है मैं यह नहीं बन सकता मेरे पास वह साधन नहीं है मैं वह नहीं कर सकता आज इस चीज चैप्टर के ऊपर हम बात करने वाले हैं कौन सबसे नहीं हो सकता अपने अंदर की ताकत को जगा कर तो देखिए सक्सेज आपके पीछे घूमेगी ठीक है दोस्तों आगे हम आपको स्टार्ट करते हैं और बताते हैं


1.मुझे शिक्षा का मौका नहीं मिला मैं पढ़ाई नहीं कर पाया इकोनॉमिक लिखी परिस्थितियों के कारण

सफलता पाने के लिए अब क्या बहाना मारेंगे आज आप क्या बहाना मारना चाहते हैं मुझे बताइए मैं आपको सारी समस्याओं का समाधान बताऊंगा क्या बहाना मानना चाहते हैं मैंने बचपन में पढ़ाई नहीं कर पाई अरे फोर्ड कंपनी के ओनर को देखिए फाउंडर ऑफ फूड फाउंडर ऑफ फूड उन्होंने भी अपनी एजुकेशन कंप्लीट नहीं कर पाई बिना पढ़ाई के ही उन्होंने इतनी बड़ी कंपनी पूरे वर्ल्ड में फेमस है उसको इतनी ऊंचाइयों तक पहुंचाया कैसे


2.मैं गरीब घर में पैदा हुआ

मैं गरीब घर में पैदा हुआ मैं कुछ नहीं कर सकता ऐसा कहेंगे आप अरे किस गरीबी की बात करते हो देश के प्रख्यात वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम एकदम गरीब घर में पैदा हुए थे और किस गरीबी की बात करते हो हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एकदम गरीब घर में पैदा हुए हैं जो आज प्रधानमंत्री का पद संभाल रहे हैं 

आप हम सब जानते हैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के बर्थ बड़नगर मैं बड़नगर स्टेशन पर चाय भी की थी आज वह प्रधानमंत्री के पद पर कार्यरत हैं इस गरीबी की बात करते हैं


3.मेरी ऊंचाई कम है मेरी लंबाई कम है मेरी हाइट कम है

मेरी ऊंचाई कम है मेरी लंबाई कम है मेरी हाइट कम है मैं कुछ नहीं कर सकता किसी ऊंचाई और लंबाई की बात करते हो वर्ल्ड विख्यात मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की भी लंबाई कम है जिन आज पूरा वर्ल्ड मास्टर ब्लास्टर के नाम से जानता है इसमें चाय की बात करते हो किस लंबाई की बात करते हो मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से बॉलीवुड स्टार आमिर खान की दी लंबाई कम है टाइगर श्रॉफ की भी लंबाई कम है इस लंबाई की बात करते हो अपने अंदर की ताकत को एक बार जवाब कर तो देखिए सक्सेस सफलता आप उस लेवल तक मेहनत करके देखिए सक्सेज और सफलता आपके पीछे भागेगी

4.मेरी आंखों से नहीं दिखता प्रख्यात लेखक वेद प्रकाश मेहता उनकी आंखें ही नहीं की मारिए कौन सा बहना मारेंगे


5.मंदबुद्धि कहा जाता

मंदबुद्धि कहा जाता है मंदबुद्धि कहा जाता था मुझे मौका नहीं मिला थॉमस अल्वा एडिसन को आप जानते ही होंगे उन्हें बचपन में स्कूल से मंदबुद्धि कहकर बाहर कर दिया गया था थॉमस अल्वा एडिसन को पूरे विश्व में आज कौन नहीं जानता है किस माने की बात करते  हो

दोस्तों बहाना बनाने के लिए तो कोई भी बना लेता है बात होती है करने की करने वाले के लिए किसी भी चीज की किसी भी परिस्थिति की किसी भी प्रॉब्लम में सॉल्यूशन मिल ही जाता है करने वालों की कभी हार नहीं होती और ना करने वाले तो कुछ नहीं कर सकते





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