थूकने वाले जमाती डॉक्टर से मांग रहे जिंदगी

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कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित लोगों की संख्या भारत में लगातार बढ़ रही है। देश में इन स्थितियों को देखते हुए फिलहाल 21 दिनों का लॉकडाउन (lockdown) लागू है



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लॉकडाउन: इटली बनने से बचा भारत, नहीं तो 8.20 लाख होते संक्रमित



कोरोना वायरस को लेकर आईसीएमआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि देश में लॉकडाउन नहीं किया गया होता हो देश में इटली सेे भी बुरे हालात होते। रिपोर्ट के अनुसार, देश में 15 अप्रैल तक 8 लाख 20 हजार संक्रमितों की संख्या होती। ये मरीज हर 30 दिनों में 406 लोगों को संक्रमित कर सकते थे। पढ़िए और क्या-क्या लिखा है इस रिपोर्ट में.


हाइलाइट्स
आईसीएमआर की रिपोर्ट में दावा-लॉकडाउन ने भारत को इटली बनने से बचाया
लॉकडाउन न होने की स्थिति में 15 अप्रैल को देश में होते 8 लाख से ज्यादा संक्रमित मरीज
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी माना- भारत ने सही समय पर उठाया लॉकडाउन का फैसला



नई दिल्ली
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए 21 दिनों के लॉकडाउन को लेकर विपक्षी दल मोदी सरकार पर हमलावर हैं। एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई दिग्गज नेताओं ने जहां सरकार के फैसले को बिना सोचे-समझे उठाया गया कदम करार दिया है वहीं हाल में ही आई इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) की रिपोर्ट ने देश में लॉकडाउन को लेकर बड़ा खुलासा किया है।




आईसीएमआर ने एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया है कि अगर देश में लॉकडाउन नहीं किया गया होता हो यहां इटली से भी बुरे हालात होते। इस रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी स्थिति में देश में 15 अप्रैल तक 8 लाख 20 हजार लोग संक्रमित होते। वहीं देश में संक्रमण के कारण मृतकों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिलता।

आईसीएमआर का यह अनुमान R0-2.5 () के सिद्धांत पर आधारित है। जिसके आधार पर कहा गया है कि भारत में हर संक्रमित व्यक्ति एक महीने में 406 लोगों में यह वायरस पहुंचा देता। वहीं, लॉकडाउन के बाद से एक संक्रमित व्यक्ति केवल 2.5 लोगों को ही संक्रमित कर पा रहा है
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