कोरोना वायरस का जो सच छिपा रहा था चीन, मजबूरी में पड़ा बताना चीन पर कोरोना वायरस से जुड़ीं जानकारियां और असली डेटा छिपाने को लेकर लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं

कोरोना वायरस का जो सच छिपा रहा था चीन, मजबूरी में पड़ा बताना



कोरोना वायरस का जो सच छिपा रहा था चीन, मजबूरी में पड़ा बताना
चीन पर कोरोना वायरस से जुड़ीं जानकारियां और असली डेटा छिपाने को लेकर लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं



चीन पर कोरोना वायरस से जुड़ीं जानकारियां और असली डेटा छिपाने को लेकर लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दबाव में आकर अब चीन ने नई जानकारी दी है. चीन ने कहा है कि उसके यहां कोरोना से संक्रमित 1541 ऐसे केस हैं जिनमें कोई लक्षण नहीं दिखे हैं. चीन अभी तक बिना लक्षण वाले कोरोना वायरस के मामलों का डेटा सामने लाने से बचता रहा है.

कोरोना वायरस का जो सच छिपा रहा था चीन, मजबूरी में पड़ा बताना
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की वेबसाइट की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, चीन में बिना किसी लक्षण के कुल 1541 मामले सामने आए हैं जिनमें से 205 दूसरे देशों से आए लोगों के हैं. हालांकि, बयान में यह साफ नहीं किया गया है कि इसमें रिकवर हुए लोगों को शामिल किया गया है या नहीं.


चीन में अब तक कोरोना वायरस के 81000 मामलों की पुष्टि हो चुकी है लेकिन इनमें से ज्यादातर रिकवर हो चुके हैं. 30 मार्च तक चीन के अस्पतालों में कुल 2161 मामले थे



चीन में अब तक कोरोना वायरस के 81000 मामलों की पुष्टि हो चुकी है लेकिन इनमें से ज्यादातर रिकवर हो चुके हैं. 30 मार्च तक चीन के अस्पतालों में कुल 2161 मामले थे


चीन में अब तक कोरोना वायरस के 81000 मामलों की पुष्टि हो चुकी है लेकिन इनमें से ज्यादातर रिकवर हो चुके हैं. 30 मार्च तक चीन के अस्पतालों में कुल 2161 मामले थे

चीन का कहना है कि वह बिना लक्षण वाले कोरोना वायरस के मामलों को ट्रैक करता है. जब उनमें लक्षण दिखाई देना शुरू हो जाते हैं तो वह उन्हें कोरोना वायरस के पुष्ट मामलों में शामिल कर लेता है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि ऐसे मरीज दूसरों तक संक्रमण फैलाने में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं. इसीलिए चीन के गैर-लक्षण वाले मामलों का खुलासा ना करने को लेकर दुनिया भर में चिंता जाहिर की जा रही थी

इस आंकड़े के सामने आने के बाद यह भी संदेह पैदा हो गया है कि दिसंबर महीने में वुहान से शुरू हुई कोरोना वायरस की महामारी वाकई खत्म हुई भी है या नहीं. कुछ विश्लेषकों का कहना है कि चीन में ये महामारी खत्म नहीं हुई है बल्कि अब साइलेंट तरीके से फैल रही है.


कई देश अपनी बुजुर्ग आबादी के आइसोलेशन पर ज्यादा जोर दे रहे हैं ताकि उन्हें किसी भी तरह के संक्रमण से बचाया जा सके. इटली में मौत का आंकड़ा इसलिए भी भयावह है क्योंकि वहां की अधिकतर आबादी बुजुर्ग है और पहले से ही किसी ना किसी बीमारी से ग्रसित है

चमगादड़, सांप या पैंगोलिन (चींटी खाने वाला जीव) न जाने किससे कोरोना वायरस बाहर आया है. पूरी दुनिया के वैज्ञानिक हैरान-परेशान हैं ये पता करने में कोरोना वायरस आखिरकार किस जानवर से निकल कर इंसानों में घुस गया. कोरोना वायरस- कोविड-19 की वजह से 37 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. अब एक नई थ्योरी ये आ रही है कि कोरोना वायरस इतना घातक होने से पहले करीब 10-15 सालों से इंसानों को बीमार कर रहा है. लेकिन अब इतना खतरनाक हो चुका है कि जान लेने लगा है. (फोटोः रॉयटर्स)


कैलिफोर्निया की स्क्रिप्स यूनिवर्सिटी, कोलंबिया यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग, यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी और तुलेन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक थ्योरी दी है कि कोरोना वायरस करीब 10-15 सालों से इंसानों को बीमार कर रहा है. लेकिन इससे किसी की मौत नहीं हुई. (फोटोः रॉयटर्स)

इस थ्योरी में यह भी कहा जा रहा है कि पिछले 10 से 15 सालों के दौरान कोरोना वायरस यानी कोविड-19 पैंगोलिन के जरिए भी इंसानों में फैला होगा. लेकिन इसका असर कम था. धीरे-धीरे इसने खुद को म्यूटेट कर अपने चारों तरफ कांटेदार प्रोटीन विकसित कर लिया. (फोटोः रॉयटर्स)

थ्योरी में यह भी बात कही गई है कि जानवरों से इंसानों में आकर, वापस जानवरों में जाना, फिर वापस इंसानों में वायरस का आना उसे बेहद खतरनाक बनाता चला गया. जिसकी वजह से आज पूरी दुनिया इस वायरस से परेशान है. (फोटोः एपी)

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